अ स्त-व्यस्त जीवन शैली बीमारियों को आमंत्रित करने का काम करती है। इन बीमारियों से बचने के लिए न सिर्फ दिनचर्या को ठीक करने की जरूरत है, बल्कि योगाभ्यास भी कारगर उपाय हो सकता है। योग का नियमित अभ्यास जीवन में अनुशासन लाता है। सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ वातावरण में किया गया योग दिन भर तरोताजा रखने में मदद कर सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए Google Today के इस लेख में हम एक विशेष योगासन ‘हलासन’ की बात करेंगे। जानिए, हलासन क्या है? और किस प्रकार विभिन्न शारीरिक समस्याओं के प्रभाव और लक्षणों को कम करने में हलासन के फायदे सहायक भूमिका निभा सकते हैं। हलासन करने का फायदा तभी है, जब इसे नियमित रूप से किया जाए और अपने खानपान भी ध्यान दिया जाए।आइए, विस्तार से जानते हैं……
हलासन क्या है? – What is Halasana
- हलासन हठयोग का हिस्सा है और जिस प्रकार हठयोग के फायदे हैं, उसी प्रकार हलासन के भी हैं।
- हलासन दो शब्दों से मिलकर बना है,हल और आसन।
- हल यानी जमीन को जोतने वाला एक कृषि यंत्र और आसन का अर्थ मुद्रा यानी शारीरिक अवस्था से है।
- इस आसन को करते हुए शरीर का आकार हल की तरह दिखाई देता है.
- इसलिए इसे हलासन नाम दिया गया है।
- अंग्रेजी में इस आसन का नाम ‘प्लो पोज’ है।
- वजन को नियंत्रित रखना हो या कमर को मजबूती देनी हो,तो यह आसन लाभकारी हो सकता है।
हलासन करने के फायदे – Benefits of Halasana
पाचन क्रिया में सहायक
- हलासन करने से पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- इस आसन से अभ्यास से कब्ज, अपच और पेट संबंधी कई विकारों से निजात पाने के लिए किया जा सकता है।
- एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का पुष्टि की गई है।
- इस शोध में बच्चों से कुछ आसन करवाए गए, जिसमें हलासन भी शामिल था।
- शोध के बाद पाया गया कि हलासन करने के बाद बच्चों के पाचन तंत्र में सुधार हुआ है।
- इस आधार पर कहा जा सकता है पाचन तंत्र के लिए हलासन लाभकारी हो सकता है।
वजन कम करने में सहायक
- अगर उचित खानपान और सक्रिय जीवनशैली के साथ हलासन का अभ्यास किया जाए, तो वजन घटाने के प्रयास के अच्छे परिणाम नजर आ सकते हैं।
- दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक शोध मौजूद है, जिसमें चीन के निवासियों से योगाभ्यास कराया गया था।
- इस शोध में हलासन को भी शामिल किया गया।
- शोध में शामिल किए गए आसन मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को बढ़ाकर, फैट को घटाने और कमर के माप (Waist Circumference) को कम करने में सफल पाए गए।
- यहां हम स्पष्ट कर दें कि इसके परिणाम सबके शरीर के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।
- व्यस्त दिनचर्या और काम के बढ़ते दबाव के कारण तनाव का होना सामान्य है।
- ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है।
- एक संस्था द्वारा मानसिक रूप से कमजोर बच्चों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि हलासन से चिंता और तनाव को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है।
- फिलहाल, इस विषय पर और शोध की आवश्यकता है।
अनिद्रा के उपचार में सहायक
- अनिद्रा ऐसी बीमारी है, जिसमें ठीक तरह से नींद नहीं आती है।
- नींद पूरी न होने से इंसान कई बीमारियों से घिर जाता है और रोजमर्रा के जीवन में अपना सौ प्रतिशत नहीं दे पाता।
- एक शोध के अनुसार, नींद न आने के पीछे तनाव एक बड़ी वजह हो सकती है
- और इस तनाव को योग के जरिए दूर किया जा सकता है।
- ऐसे में हलासन करने से कुछ फायदा हो सकता है।
- जैसा कि हमने ऊपर बताया कि हलासन तनाव और चिंता को दूर करने में मदद कर सकता है।
- इसलिए, कहा जा सकता है कि हलासन के लाभ अनिद्रा को ठीक करने में सकारात्मक परिणाम दिखा सकते हैं।
ब्लड शुगर को सामान्य रखने में सहायक
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी हलासन मददगार साबित हो सकता है।
- एक शोध के अनुसार, अन्य आसनों के साथ-साथ हलासन भी टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में एक सहायक भूमिका निभा सकता है।
- हलासन शरीर में इंसुलिन की प्रक्रिया को बेहतर करता है.
- और शरीर में ग्लूकोज के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद कर सकता है।
- इसके अलावा, यह टाइप 2 डायबिटीज के कारण होने वाले अन्य समस्याओं से बचने में भी मदद कर सकता है।
- इसलिए, कहा जा सकता है कि ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए हलासन करने के फायदे हो सकते हैं।
हलासन योग करने का तरीका – Steps to do Halasana
हलासन करने का तरीका और सर्वांगासन करने का तरीका काफी मिलता-जुलता है। चलिए अब बताते हैं कि हलासन की विधि क्या है।
- सबसे पहले स्वच्छ वातावरण में समतल जगह पर एक योग मैट बिछा लें।
- अब इस मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
- अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। हथेलियों की दिशा जमीन की ओर होगी।
- अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं।
- अगर पैरों को उठाने में दिक्कत हो, तो कमर को हाथ से सहारा दे सकते हैं।
- अब सांस छोड़ते हुए टांगों को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं।
- फिर पैर के अंगूठों से जमीन को स्पर्श करने का प्रयास करें।
- अब हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर पहले की तरह सीधा रख लें।
- जितना संभव हो इस मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- इस योगासन को आप अपनी क्षमता के अनुसार तीन से पांच बार कर सकते हैं।
ये थी हलासन की विधि, अब आगे जानते हैं कि पहली बार हलासन करने वाले लोगों को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
हलासन करने के टिप्स – Beginner’s Tip to do Halasana
अगर आप पहली बार हलासन करने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है –
- सुबह या शाम के वक्त, किसी निर्धारित समय में इस योगाभ्यास को करें।
- किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस योगासन को करें।
- भोजन करने और हलासन के समय के मध्य पांच-छह घंटे का अंतर अवश्य रखें।
- ध्यान रखें कि आपका वजन आपके कंधों पर हो गर्दन पर नहीं।
हलासन योग के लिए सावधानियां – Precautions for Halasana
Halasana एक उत्तम योगासन है, लेकिन इसे करने से पहले कुछ सावधानी भी बरतनी चाहिए, जैसे –
- दस्त या माहवारी है, तो हलासन करने से बचें।
- गर्दन में चोट है, तो हलासन न करें।
- गर्भवती महिलाएं इस आसन को करने से परहेज करें।
- जिन लोगों को हाई बीपी या अस्थमा की समस्या है, वो योग विशेषज्ञ की उपस्थिति में ही Halasana का अभ्यास करें।
इस आर्टिकल में आपके जाना कि Halasana शरीर के लिए कितना लाभकारी हो सकता है। साथ ही आपको इसे करने का तरीका भी समझ आ गया है। ध्यान रहे कि यह योग वैकल्पिक रूप से बताई गईं समस्याओं के उपचार में सहायता कर सकता है, इसे इनका इलाज न समझा जाए। साथ ही बताई गईं सावधानियों का भी पूरी ख्याल रखें। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए प्रभावकारी होगा। इस विषय से जुड़े किसी भी प्रकार के सुझाव या सवालों के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद जरूर लें। Thank you……..
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