स्वस्थ रहने का सबसे आसान मूल मंत्र योग है। जब हम पूरी तरह स्वस्थ रहते हैं, तो कोई भी रोग हमारे पास भटक नहीं पाता है। इसलिए, नियमित रूप से योग करना जरूरी है। साथ ही खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। हालांकि, ऐसे कई योग हैं, जो तन और मन के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन कुछ योगासन ऐसे हैं, जिनका नाम आपने शायद ही कभी सुना हो। ऐसा ही एक योग कर्नापीड़ासन है। यह योगासन कई रोगों को दूर रखने का काम कर सकता है। Google Today के इस आर्टिकल में हम कर्नापीड़ासन करने का तरीका और कर्नापीड़ासन के फायदे के बारे में बताएंगे।

कर्नापीड़ासन क्या है – What Is Karnapidasana 

  • कर्नापीड़ासन के कई नाम हैं।
  • इसे राजा हलासन, नी टू ईयर पॉज व ईयर प्रेशर पॉज भी कहा जाता है।
  • कर्नापीड़ासन संस्कृत के तीन शब्दों से मिलकर बना है।
  • इसमें कर्ण का मतलब कान, पीडा का मतलब दबाव और आसन का मतलब मुद्रा से है।
  • यह योगासन कुछ-कुछ हलासन की तरह होता है।
  • इस आसन को करते समय ऊपरी पीठ के बल जमीन पर लेटना होता है
  • और हिप्स वाला भाग ऊपर उठाना होता है।
  • यह योगासन शरीर को लचीला बनाने के साथ ही शारीरिक संतुलन को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
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कर्नापीड़ासन के फायदे – Benefits of Karnapidasana

  • कर्नापीड़ासन का नियमित अभ्यास करने वालों में कई परिवर्तन नजर आ सकते हैं।
  • ये परिवर्तन योग से होने वाले लाभ ही हैं।
  • कर्नापीड़ासन के लाभ के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

बॉडी स्ट्रांग होती है

  • योग में कई तरह के आसनों को शामिल किया जा सकता है।
  • जिसे खड़े होकर, बैठकर और लेटकर किए जा सकता है।
  • इससे शरीर को मजबूत और लचीला बनाने में मदद मिल सकती है।
  • इनमें कर्नापीड़ासन को भी शामिल किया जाता है।
  • यह आसन शरीर को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ पेट वाले भाग को टोन करने का काम भी कर सकता है।
  • इससे पेट दर्द, मधुमेह और रेनल डिसऑर्डर जैसी समस्या को भी दूर रखा जा सकता है।
  • इस प्रकार कर्नापीड़ासन के लाभ उठाए जा सकते हैं।

स्पाइन हेल्थ के लिए सही

  • इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आ सकता है।
  • साथ ही उसे मजबूती भी मिलती है।
  • इससे रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
  • फिलहाल, रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य पर यह कैसे काम करता है.
  • इस संबंध में किसी तरह का सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

स्ट्रेस कम करता है

  • किसी भी योग में होने वाले श्वसन क्रिया का मस्तिष्क पर लाभदायक प्रभाव पड़ता है।
  • कर्नापीड़ासन के दौरान होने वाली श्वसन क्रिया से मन को शांति मिल सकती है.
  • जिससे तनाव कम हो सकता है।
  • साथ ही इसके नियमित अभ्यास से आप तनाव मुक्त रह सकते हैं।
  • ऐसे में कहा जा सकता है कि कर्नापीड़ासन के फायदे तनाव से छुटकारा दिलाने  का काम कर सकते हैं।

पेट सही रहता है

  • कर्नापीड़ासन को करते समय पैर को ऊपर उठाकर सिर के पीछे की ओर ले जाया जाता हैं।
  • इसलिए, यह आसन खासकर पेट पर असर डालता है.
  • जिससे पाचन तंत्र में सुधार किया जा सकता है।
  • पाचन तंत्र के स्वस्थ होने पर पेट की कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

कर्नापीड़ासन करने का तरीका – Steps to do Karnapidasana 

यह हम कर्नापीड़ासन करने का तरीका बता रहे हैं, लेकिन इसे करना आसान नहीं है। इसलिए, शुरुआत में किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस योगासन को करें।

  • इस आसन को करने के लिए एक समतल स्थान पर योग मैट बिछा लें। उसके बाद उस मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • इस दौरान दोनों हाथों और पैरों को एक सीध में रखें।
  • फिर गहरी सांस लें और पैरों को धीरे-धीरे आसमान की ओर उठाएं।
  • इसके बाद धीरे-धीरे पैरों को सिर के पीछे ले जाने की कोशिश करें।
  • अपने शरीर का पूरा भार कंधों पर रखें। इस दौरान आपके हाथ पहले की तरह जमीन पर सीधे होने चाहिए।
  • यह हलासन की स्थिति है, अब आप अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें।
  • दोनाें घुटने मुड़ने के बाद कानों के पास आ जाएंगे। इससे दोनों कान घुटनों से ढक जाएंगे।
  • इस स्थिति में आप अपनी नजर नाक पर रखे।
  • कुछ देर इसी अवस्था में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • फिर शुरुआती स्थिति में आने के लिए सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे इस आसन को उल्टा करें।
  • इसे शुरुआत में दो से चार बार योग विशेषज्ञ की निगरानी में किया जा सकता है।

कर्नापीड़ासन के लिए सावधानियां – Precautions for Karnapidasana 

इस आसन को करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जो इससे होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है। इनमें ये सावधानियां शामिल हैं

  • पेट की समस्या या हाल ही में सर्जरी हुई है, तो इस आसन को न करें।
  • सिरदर्द या गर्दन में चोट लगी है, तो इस आसन को करने से बचें।
  • इस आसन को करते समय कमर में तकलीफ महसूस होती है, तो इसे तुरंत रोक दें।
  • उच्च रक्तचाप के मरीज को यह आसन नहीं करना चाहिए।

यह बात तो आपने बखूबी सुनी होगी कि दिन की शुरुआत योग से हो, तो पूरा दिन अच्छा जाता है। इसलिए, योग एक ऐसा चमत्कार है, जो आपके मन को शांति प्रदान करता है और आप पूरे दिन तरोताजा महसूस करते हैं। साथ ही काम संबंधी हर मुसीबत को संयम से हल करने की क्षमता देता है। अगर आपकी जानकारी में कोई योग या व्यायाम करने में आलस दिखाता है, तो उसे योग का महत्व समझाएं। Thank you .

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1. Is Karnapidasana difficult?

हालांकि यह एक शुरुआती योग मुद्रा है, अधिकांश योगियों के लिए अपने घुटनों को पूरी तरह से फर्श पर रखना मुश्किल होगा। यदि आप ऐसा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो चिंता न करें, बस अपने शरीर को जितना हो सके मुड़ने दें, जब तक आप सहज महसूस करें।

2. Which of the following asana is also known as ear pressure pose?

Karnapidasana

3. Can sarvangasana be done during periods?

हालांकि, इस अवधि के दौरान शरीर को उलटने जैसे अन्य योग आसनों से बचना चाहिए क्योंकि वे अत्यधिक रक्तस्राव और संवहनी रुकावट पैदा कर सकते हैं। मासिक धर्म के दौरान जिन योग मुद्राओं का अभ्यास नहीं किया जाना चाहिए उनमें शीर्षासन, सर्वांगासन, धनुरासन, हलासन, कर्णपेडासन और बकासन शामिल हैं।

4. How many times we can do sarvangasana?

एक बार अभ्यास करें, 2 मिनट से अधिक नहीं। दोहराना मत; न ही ऊपर निर्दिष्ट समय सीमा से अधिक इसका अभ्यास करें क्योंकि लंबी अवधि, यदि इसे अन्य दैनिक योग शारीरिक व्यायाम के साथ अभ्यास किया जाता है, तो कुछ मामलों में, हानिकारक साबित हो सकता है।

5. Who should not practice sarvangasana?

  1. अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं।
  2. यदि आपकी आंखों की रक्त वाहिकाएं कमजोर हैं या ग्लूकोमा या अलग रेटिना से पीड़ित हैं, तो कृपया शोल्डरस्टैंड से बचें क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
  3. मासिक धर्म के दौरान इस मुद्रा से बचना सबसे अच्छा है।
  4. अगर आपको गर्दन में चोट है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलिटी वाले किसी भी व्यक्ति को इस मुद्रा का अभ्यास करने का प्रयास नहीं करना चाहिए क्योंकि जब आप इस मुद्रा को पकड़ते हैं तो शरीर का वजन गर्दन के माध्यम से लिया जाता है।

6. How long should sarvangasana be done?

आरंभिक अभ्यासी के रूप में लगभग 30 सेकंड तक मुद्रा में रहें। हर दिन अपने प्रवास में धीरे-धीरे 5 से 10 सेकंड जोड़ें या जब तक आप आराम से 3 मिनट के लिए मुद्रा को पकड़ न सकें। फिर एक या दो सप्ताह के लिए प्रत्येक दिन 3 मिनट तक जारी रखें, जब तक कि आप मुद्रा में अपेक्षाकृत सहज महसूस न करें।

7. Is sarvangasana good for hair?

सर्वांगासन (कंधे का स्टैंड): थायराइड ग्रंथि के कामकाज को नियंत्रित करता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है।

8. Does sarvangasana increase blood flow?

सर्वांगासन ( कंधे खड़ा होना ): यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है। अपने मन और शरीर को मजबूत करके, लचीलेपन को बढ़ाकर और अपने तंत्रिका तंत्र को स्थिर करके, सर्वांगासन आपके मस्तिष्क की शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है।

9. What is the English name of sarvangasana?

सर्वांगासन को अंग्रेजी में शोल्डर स्टैंड पोज के नाम से भी जाना जाता है।

 

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पेट कम करने के लिए योगासन – Yogasana to reduce stomach

 

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