आ जकल हर कोई काम-काज की भाग-दौड़ में स्वास्थ्य के साथ समझौता कर रहा है। परिणामस्वरूप तनाव, अवसाद और खराब पाचन तंत्र का सामना करना पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि ऐसी कोई भी समस्या आपको न हो, तो उसके लिए योग पर भरोसा करें। योग शरीर को तरोताजा और मन को शांत रखने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसके लिए कई योगासन हैं, लेकिन Google Today के इस आर्टिकल में हम सिर्फ शीर्षासन की बात करेंगे। आर्टिकल में शीर्षासन करने का तरीका और शीर्षासन के फायदे के साथ-साथ शीर्षासन के नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया है। हमारे लिए यह जानना भी जरूरी है कि सिर्फ शीर्षासन करने से कोई चमत्कार नहीं होने वाला। इसके साथ-साथ पौष्टिक आहार का सेवन करना और संतुलित जीवनशैली का पालना करना भी जरूरी है।चलिए विस्तार से बात करते है.
शीर्षासन क्या है – What is Headstand Pose
- शीर्षासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है.
- शीर्ष यानी सिर और आसन यानी मुद्रा।
- इस योगासन का मतलब होता है.
- सिर के बल योग करना।
- इस आसन को सबसे कठिन माना गया है।
- संभवत: यही कारण है कि इसे सभी आसनों के शीर्ष पर रखा गया है।
- इस कारण से भी इसे शीर्षासन कहा जाता है।
- इस आसन को करते समय शरीर पूरी तरह विपरीत स्थिति में होता है
- यानी सिर के बल खड़ा होने का प्रयास किया जाता है।
- शीर्षासन मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- इससे याददाश्त को मजबूत करने और दिमाग की कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
शीर्षासन को करने का तरीका – Steps to Do Headstand Pose
- शीर्षासन को करने के लिए सबसे पहले चटाई बिछाकर वज्रासन की अवस्था में आ जाएं।
- फिर दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करते हुए, आगे की तरफ झुककर हाथों को जमीन पर रखें।
- अब सिर को झुकाकर हाथों के बीच में रखते हुए जमीन से सटाएं।
- फिर पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सीधे कर लें।
- इस स्थिति में सिर के बल शरीर पूरी तरह सीधा होना चाहिए।
- कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहे और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे करें और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- शुरुआत में इस आसन को दो से तीन बार तक करें।
शीर्षासन को करने के फायदे – Benefits of Headstand Pose
स्ट्रेस दूर होता है
- इन दिनों तनाव होना आम बात है।
- इसे दूर करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है।
- इसी संबंध में एनसीबीआई ने एक रिसर्च पेपर को प्रकाशित किया है।
- इस रिसर्च पेपर के अनुसार, तनाव व उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए योग का प्रयोग किया गया।
- इन योगासनों में शीर्षासन को भी जगह दी गई,
- जिसके सकारात्मक परिणाम नजर आए।
- शीर्षासन शरीर और मन को शांत करने में मदद करता है।
- इससे तनाव दूर हो सकता है।
- इसलिए, शीर्षासन के लाभ में तनाव से छुटकारा पाना शामिल हो सकता है।
पेट सही रहता है
- पेट को ठीक रखने के लिए पाचन तंत्र का अच्छे से काम करना जरूरी है।
- ऐसे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए शीर्षासन का सहारा लिया जा सकता है।
- इस आसन के जरिए होने वाली शारीरिक गतिविधि आहार को पचाने में मदद कर सकती है।
- शीर्षासन करने से शरीर में खून का प्रवाह बेहतर होता है.
- जिसका असर पाचन तंत्र पर भी नजर आ सकता है।
- इस प्रकार शीर्षासन के फायदे में बेहतर पाचन तंत्र भी शामिल है।
हलासन कैसे करे – How to do Halasana
अस्थमा के लिए
- योग में श्वसन क्रिया के मुख्य भूमिका मानी जाती है।
- इसलिए, श्वसन क्रिया से संबंधित किसी भी समस्या को दूर करने के लिए योग करना अच्छा माना जा सकता है।
- वहीं, अस्थमा श्वसन क्रिया से जुड़ी समस्या है।
- इसके कारण सांस फूलने लगती है।
- ऐसे में शीर्षासन करने पर अस्थमा की स्थिति में सुधार हो सकता है।
- फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की जरूरत है।
इनफर्टिलिटी
- महिला और पुरुष दोनों के लिए योग एक सामान फायदा पहुंचाने का काम कर सकता है।
- महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
- इसे संतुलित करने के लिए योग मदद कर सकता है।
- वहीं, पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने पर इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
- शीर्षासन की मदद से स्पर्म काउंट भी बढ़ सकता है।
- जिससे कि महिलाओं और पुरुषों की इनफर्टिलिटी यानी बांझपन की समस्या दूर हो सकती हैं।
- फिलहाल, अभी इस बात की पुष्टि करने के लिए किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
डिप्रेशन
- योग के माध्यम से मूड में सुधार किया जा सकता है।
- जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि शीर्षासन करने पर मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ सकता है।
- इससे डिप्रेशन से निकलने में मदद मिल सकती है।
- इसलिए, योग को डिप्रेशन के लिए अच्छा इलाज माना जा सकता है।
शीर्षासन योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Headstand Pose
शीर्षासन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखने से विभिन्न प्रकार के नुकसान से बचा जा सकता है।
- कंधे, बुजाओं, पीठ, सिर या गर्दन में दर्द हो, तो इस आसन को करने से बचें।
- उच्च रक्तचाप, हार्ट फेलियर व बेरी एन्यूरिज्म (दिमाग की नसों से जुड़ी समस्या) और 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- अगर शरीर में किसी तरह की कमजोरी हो रही है, तो इस आसन को न करें।
- गर्भवती को इस आसन से बचना चाहिए।
शीर्षासन करने के टिप्स – Tips for Headstand Pose
जो लोग पहली बार इस आसन को कर रहे हैं, उनके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे लोगों के लिए हम कुछ काम की बातें बता रहे हैं।
- इस आसन को पहली बार कर रहे हैं, तो विशेषज्ञ की निगरानी में करें।
- आसान की शुरुआत में संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, दीवार का सहारा लेना बेहतर होगा।
- इस आसन को सुबह खली पेट करना उचित होगा।
- शरीर का पूरा भार सिर्फ सिर पर न डालें, बल्कि बाहों और कंधों पर भी रखें।
- इस प्रक्रिया से पहली वाली मुद्रा में धीरे से आएं। ध्यान रहे गले में झटका न लगे।
शीर्षासन करने के चमत्कारी लाभ तो आप इस लेख को पढ़ने के बाद जान ही गए होंगे। इसलिए, आप बिना देरी किए आज से ही इसे करने का अभ्यास शुरू कर दें। साथ ही ध्यान रखें कि इसे प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में ही करें, वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। साथ ही योग करने का लाभ तभी मिलेगा, जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे। उम्मीद करते हैं कि Google Today के इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर आप शीर्षासन के संबंध में और कुछ जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए अपने सवाल हमारे साथ साझा कर सकते हैं। Thankyou……..