आ ज फिर पेट अच्छे से साफ नहीं हुआ। अब दिनभर गैस, एसिडिटी, पेट में भारीपन, सिरदर्द और न जाने क्या – क्या कुछ सहना पड़ेगा। अधिकतर लोगों के दिन की शुरुआत कुछ इसी तरह होती है। इस बात से आप भी इनकार नहीं करेंगे कि अगर पेट खराब, तो समझो दिन भी खराब। आज के समय में कब्ज ऐसी समस्या है, जो लगभग हर बीमारी की जड़ है। कई बार तो समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि जान पर बन जाती है। Google Today के इस लेख में हम कब्ज के रामबाण इलाज लेकर आए हैं। इनकी मदद से आप कब्ज को जड़ से खत्म कर सकते हैं। इससे पहले कि हम कब्ज के रामबाण इलाज की चर्चा करें, उससे पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर कब्ज क्या है, क्यों है और इसके लक्षण क्या हैं।चलिए विस्तार से बात करते है.
कब्ज क्या है – What is Constipation
- कब्ज पाचन तंत्र से जुड़ी स्थिति है.
- जिसमें मल त्याग करते समय कठिनाई होती है।
- मलत्याग करते समय जब आसानी से मल गुदा मार्ग से न निकले.
- उस स्थिति को कब्ज कहते हैं।
- इस अवस्था में मल सख्त व सूखा हो सकता है।
- कई बार तो मल त्याग करते समय पेट व गुदा मार्ग में दर्द भी हो सकता है।
- वैज्ञानिक तौर पर एक हफ्ते में तीन बार से कम शौच आने को कब्ज माना जाता है।
- यह समस्या किसी को भी और किसी भी आयु में हो सकती है।
- कभी यह कुछ समय के लिए होती है.
- तो कभी लंबे समय तक चल सकती है।
- यहां एक बात को समझना जरूरी है कि कब्ज कोई बीमारी नहीं है.
- बल्कि यह तो अन्य शारीरिक विकारों का लक्षण है।
कब्ज के प्रकार – Types of Constipation
नार्मल ट्रांजिट कब्ज
- इसे सबसे आम माना जा सकता है।
- इस तरह के कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को मल त्याग करने में परेशानी महसूस होती है.
- लेकिन वह अपने रूटीन के अनुसार सामान्य रूप से मल त्याग करता रहता है।
स्लो ट्रांजिट कब्ज
- यह बड़ी आंत में आए विकार के कारण पैदा होने वाली समस्या है।
- शौच की प्रक्रिया में एंटरिक नर्वस सिस्टम (ENS) की तंत्रिकाओं का अहम योगदान होता है।
- ये तंत्रिकाएं ही बड़ी आंत से गुदा द्वार तक शौच को लेकर आती है।
- इस तंत्रिका में आई असामान्यता स्लो ट्रांजिट कॉन्स्टिपेशन का कारण बनती है।
डीफेक्शन डिसआर्डर कब्ज
- जिन लोगों को पुराने कब्ज की शिकायत होती है.
- उनमें से 50% डीफेक्शन डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं।
- इसका सही-सही कारण विशेषज्ञ ही बता सकते हैं।
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि गुदा संबंधी अंगों में शिथिलता और उनका आपस में बिगड़ा हुआ संबंध डिफेक्शन डिसऑर्डर का मुख्य कारण है।
कब्ज के कारण – Causes of Constipation
कम फाइबर युक्त भोजन का सेवन :
- फलों, सब्जियों और अनाज में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
- यह दो प्रकार का होता है साल्युबल और इनसाल्युबल।
- दोनों पेट के लिए उपयोगी होते हैं।
- साल्युबल फाइबर पानी के साथ मिलकर जेल बनाकर पाचन को बढ़ाता है।
- वहीं, इनसाल्युबल फाइबर मल को मोटा और भारी करता है जिससे मल जल्दी बाहर आ जाता है।
- फाइबर की ये गतिविधि मलत्याग को सामान्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- इसलिए, फाइबर की कमी मलत्याग को बाधित करके, कब्ज का कारण बन सकती है।
द्रव्य पदार्थों का कम सेवन :
- फाइबर को बेहतर तरीके से काम करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों की जरूरत होती है।
- जैसे प्राकृतिक रूप से मीठे फल, सब्जियों का रस और सूप इत्यादि।
- इससे मल नरम होकर आसानी से पास हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान :
- गर्भवती महिलाओं को अक्सर कब्ज का सामना करना पड़ता है।
- इस दौरान प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर ज्यादा और मोटीलिन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है।
- इसी कारण पेट से गुदा मार्ग तक मल आने में लगने वाला टाइम बढ़ सकता है।
- इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं अतिरिक्त आयरन का सेवन करती हैं.
- जिसके कारण से भी कब्ज हो सकता है।
- इस दौरान बढ़ा हुआ गर्भाशय भी मल को बाहर निकलने से रोक सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म :
- इसका का एक लक्षण कब्ज भी है।
- हाइपोथायरायडिज्म शरीर में हार्मोन असंतुलन के लिए जिम्मेदार है।
- यह असंतुलन कब्ज की बीमारी का कारण बन सकता है।
शारीरिक श्रम की कमी :
- शारीरिक श्रम न करना या कोई व्यायाम न करना भी कब्ज का कारण बन सकता है।
- पेट की मांसपेशियों के मजबूत होने से मलत्याग करना सुविधाजनक हो सकता है।
- शारीरिक श्रम के अभाव में पेट की मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और कब्ज का कारण बन सकती हैं।
हेल्थ सप्लीमेंट्स :
- ये भी कब्ज का कारण बन सकते हैं।
- मुख्य रूप से आयरन और कैल्शियम के सप्लीमेंट कब्ज का कारण बन सकते हैं।
तनाव :
- तनाव कई मायनों में कब्ज पैदा कर सकता है।
- इस दौरान निकलने वाले हार्मोन आंत में संक्रमण का कारण बन सकते हैं और मल त्याग को बाधित कर सकते हैं।
- इसके अलावा, तनाव के दौरान व्यक्ति उचित आहार और पर्याप्त पानी का सेवन नहीं करता और व्यायाम भी नहीं करता, जिस कारण कब्ज हो सकता है।
मल की इच्छा को रोकना :
- मल को रोके रखने से कब्ज की बीमारी हो सकती है।
- ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मल को रोके रखने से पेट और आंत धीरे-धीरे मल त्याग का सिग्नल देना बंद कर सकते हैं ।
आईबीएस :
- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम -IBS पेट से जुड़ी ऐसी समस्या है.
- जिसमें पेट में दर्द या बेचैनी रह सकती है साथ ही 3 महीने या उससे अधिक समय के लिए मल त्याग की आदतों में बदलाव (जैसे दस्त या कब्ज) हो सकता है।
- इसलिए, इसके कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है।
अपर्याप्त नींद :
- इस भागदौड़ भरे जीवन में काम का इतना दबाव है कि व्यक्ति भरपूर नींद नहीं सो पाता हैं।
- पर्याप्त नींद न लेने के कारण पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता और कब्ज की समस्या हो सकती है।
कब्ज के लक्षण – Symptoms of Constipation
कब्ज की बीमारी के लक्षण इसकी गंभीरता के अनुसार नजर आ सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति में कब्ज के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। एक व्यक्ति में कब्ज के एक या एक से अधिक लक्षण देखे जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- सामान्य से कम बार मल त्याग करना।
- कठोर व सूखा मल, जो बाहर निकलते समय दर्द कर सकता है।
- मल त्याग करने में अधिक जोर लगाने की जरूरत।
- लंबे समय तक शौचालय में बैठना।
- शौच के बाद लगना कि पेट साफ नहीं हुआ।
- पेट में भारीपन महसूस होना।
- पेट में मरोड़ उठना या दर्द होना।
- मुंह में छाले होना।
कब्ज का घरेलू इलाज – Home Remedies about Constipation
- कब्ज कैसे दूर करें, इस बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।
- इसे ठीक करने के लिए कब्ज का घरेलू इलाज किया जा सकता है.
- जिनके प्रयोग से कब्ज से बचाव हो सकता है।
- आइए, जानते हैं कि ये कैसे कब्ज का रामबाण इलाज साबित हो सकते हैं।
Water
Material :
- एक जग पानी
- एक-दो नींबू
- नमक
Method of use:
- पानी को अच्छी तरह उबाल कर ठंडा होने दें।
- जब पानी हल्का गुनगुना रह जाए , तो इसमें नींबू मिलाएं।
- अब एक जगह बैठ जाएं और जितना हो सके पानी को घूंट-घूंट करके पिएं।
- इसके बाद खुली जगह पर 15-20 मिनट टहलना शुरू करें।
- कुछ ही देर में आपको मलत्याग की इच्छा हो सकती है।
How helps :
- सुबह सोकर उठने के बाद नींबू पानी का सेवन बहुत लाभकारी हो सकता है।
- सुबह उठने के बाद आंतरिक अंगों के ऊतक शुष्क होते हैं और उन्हें पानी की जरूरत होती है।
- नींबू पानी का सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद कर सकता है और कोशिकाओं को जीवित रख सकता है।
- यह प्रक्रिया पाचन तंत्र को मजबूत करने का कार्य कर सकती है।
- वहीं, नमक को पाचन के जरूरी माना जाता है।
- इसमें क्लोराइड होता है, जो शरीर में तरल पदार्थों को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
- इसलिए, नींबू पानी का सेवन पाचन शक्ति को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित कर सकता है
- जिससे कब्ज की समस्या पैदा होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है।
- अगर कोई कब्ज का रामबाण इलाज खोज रहा है, तो इस घरेलू उपचार को जरूर इस्तेमाल करे।
papaya
Material :
- एक कटोरी पपीता
- एक गिलास दूध
Method of use:
- एक कटोरी पपीता और एक गिलास दूध को मिक्सी में डालकर शेक बनाएं।
- अब गिलास में डालकर इसका सेवन करें।
How helps :
- यह आंतों के लिए ल्यूब्रिकेट का काम करता है यानी मल को मुलायम कर पेट को साफ कर सकता है।
- पपीते को कब्ज का रामबाण इलाज माना जा सकता है.
- क्योंकि इसके रस में पपाइन नामक तत्व होता है, जो भोजन को पचा सकता है।
- यह गुणकारी फल शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद कर सकता है।
Flaxseed
Material :
- अलसी के बीज
- एक गिलास पानी
Method of use:
- अलसी के बीजों को मिक्सी में डालकर पाउडर बना लें।
- 20 ग्राम अलसी पाउडर को पानी में डालकर मिक्स करके रख दें।
- तीन-चार घंटे बाद पानी को छानकर पी जाएं।
How helps :
- अलसी को कब्ज की आयुर्वेदिक दवा माना गया है।
- इसमें में सॉल्युबल फाइबर पाया जाता है.
- जो आंतों को साफ कर कब्ज का उपचार करने में कारगर हो सकता है।
- इसमें फाइबर ज्यादा और कार्बोहाइड्रेट कम होता है.
- जिस कारण यह पाचन तंत्र को दुरुस्त कर खाने को हजम करने में मदद कर सकता है।
- अलसी में कई एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं.
- जो शरीर में हार्मोन को नियंत्रित रखते हैं।
- इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि अलसी कब्ज के लिए उपयोगी हो सकती है।
Baking Soda :
Material :
- एक चम्मच बेकिंग सोडा
- एक गिलास गुनगुना पानी
Method of use:
- पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और पी जाएं।
- प्रेशर बनने की प्रतीक्षा करें।
How helps :
- कब्ज की दवा के रूप में बेकिंग सोडा यानी सोडियम बाइकार्बोनेट कारगर, गुणकारी व सस्ता उपाय साबित हो सकता है।
- सोडियम बाइकार्बोनेट एक एंटी एसिड तत्व है.
- जिसका उपयोग सीने में जलन और एसिड के कारण हुई अपच से राहत देने के लिए किया जा सकता है।
- पाचन तंत्र से जुड़े ये फायदे कब्ज के जोखिम को कम कर सकते हैं।
- बेकिंग सोडा का प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि इसका अधिक सेवन हानिकारक भी हो सकता है।
Honey
Material :
- एक चम्मच शहद
- आधा नींबू
- एक गिलास गुनगुना पानी
Method of use:
- गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण को पी लें।
How helps :
- शहद को प्राकृतिक व गुणकारी माना गया है और यह कब्ज का घरेलू इलाज हो सकता है।
- भारत में प्राचीन काल से इसका उपयोग दवा के तौर पर किया जा रहा है।
- अगर आप परेशान हैं कि कब्ज कैसे दूर करें, तो इसके लिए आयुर्वेद में भी शहद के लाभ बताए गए हैं।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं.
- जो कब्ज से बचाव में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
Herbal Tea
Material :
- हर्बल-टी बैग
- गरम पानी
Method of use:
- हर्बल टी बैग को गरम पानी से भरे कप में डालें।
- पांच मिनट बाद इसे पी जाएं।
How helps :
- हर्बल-टी को प्राकृतिक लैक्सटिव (पेट साफ करने की दवा) माना गया है। इसके सेवन से मल त्याग करने में आसानी होती है।
- बाजार में कई हर्बल टी मौजूद हैं.
- जिन्हें कब्ज का उपचार करने के लिए स्वादनुसार चुना जा सकता है।
- कब्ज कैसे दूर करें यह जानने के लिए और उपाय भी हैं, जिन्हें आप नीचे पढ़ सकते हैं।
Vitamin
Material :
- विटामिन-सी टैबलेट
- विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स कैप्सूल
Method of use:
- विटामिन-सी टैबलेट को एक गिलास पानी में मिला कर पी जाएं।
- इसी मिश्रण के साथ विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स कैप्सूल भी ले सकते हैं।
How helps :
- विटामिन-सी का प्रयोग कब्ज के लक्षणों को कम कर सकता है।
- कब्ज की दवा के रूप में विटामिन-सी का प्रयोग भोजन नली को ठीक से काम करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
- विटामिन-सी शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
- वहीं, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स कैप्सूल में बी-1, बी-5, बी-9 और बी-12 जैसे तत्व पाए जाते हैं.
- जो पेट को साफ करने में उपयोगी हो सकते हैं।
Kiwi
Material :
- दो कीवी
- काला नमक
Method of use:
- किवी को छीलकर टुकड़ों में काट लें।
- कीवी फल में काला नमक लगाकर खाएं।
How helps :
- कब्ज का इलाज करने में कीवी मददगार हो सकती है।
- कीवी का सेवन आईबीएस के लक्षणों में कमी ला सकता है।
- एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार,
- कीवी का सेवन करने से मल त्याग में लगने वाले समय को कम किया का सकता है,
- यानी मल त्याग करना सुविधाजनक हो सकता है ।
Fig
Material :
- सूखे अंजीर
Method of use:
- अंजीर को रात भर पानी में भिगो कर रखें।
- सुबह खाली पेट अंजीर का सेवन करें।
- आप चाहें तो इसका पेस्ट भी बना सकते हैं।
How helps :
- अंजीर को कब्ज के मरीजों के लिए बेहतरीन औषधि माना गया है।
- इसके बीज मल को मुलायम करते हैं.
- ताकि वो मल द्वार के जरिए आसानी से बाहर निकल सके ।
- साथ ही अंजीर पेट को साफ करने के लिए क्लीन्जेर की तरह काम कर सकता है।
- इसीलिए, कब्ज की दवा के रूप में अंजीर का सेवन किया जा सकता है।
Wheat Bran
Material :
- आटे से निकाला गया या बाजार से खरीदा गया चोकर
- पानी
Method of use:
- चोकर को पानी के साथ मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें।
- 20 ग्राम पाउडर को पानी में घोल कर रोजाना सेवन करें।
- आप चाहें तो साबुत चोकर को दैनिक आहार में भी शामिल कर सकते हैं।
- इसे रोटी, दलिया और हलवे इत्यादि में मिलाया जा सकता है।
- बाजार में मिलने वाली जिन ब्रेड और बिस्कुट में चोकर होता है, उनका सेवन किया जा सकता है।
How helps :
- वैज्ञानिक अध्ययन इस बात का पुख्ता प्रमाण देते हैं कि कब्ज की रोकथाम के लिए फाइबर युक्त गेहूं का चोकर मददगार हो सकता है।
- चोकर मनुष्य के लिए एक वरदान है.
- क्योंकि गेहूं का चोकर मोटापा और कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों से बचाव में सहायक है।
- साथ ही ये डायवर्टिकुलर रोग (एक पाचन तंत्र विकार), कब्ज और आईबीएस सहित पेट की कई बीमारियों की रोकथाम कर सकता है ।
- इसलिए, चोकर को कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।
Apple
Material :
- एक सेब
- एक गिलास दूध
Method of use:
- सेब को छिलके समेत बारीक टुकड़ों में काट लें।
- इन्हें मिक्सी में डालकर दूध के साथ पीस लें।
- इस शेक को नाश्ते में शामिल करें।
- रोजाना एक सेब का सेवन करना शेक से भी ज्यादा फायदेमंद है।
How helps :
- सेब को छिलके सहित खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलता है,
- जो कब्ज के लिए लाभकारी हो सकता है।
- इसीलिए, सेब को कब्ज के लिए अच्छे माने जाने वाले खाद्य पदार्थों में शामिल किया जाता है।
Citrus
Material :
- संतरा
- मौसंबी
- नींबू
- चकोतरा
Method of use:
- इन सभी फलों का नियमित रूप से सेवन करें।
How helps :
- आम धारणा है की खट्टे फल खाने से कब्ज होता है, जबकि ऐसा नहीं है।
- वैज्ञानिक अध्ययन कहता है कि खट्टे फलों में पेक्टिन नामक कंपाउंड पाया जाता है.
- जो कब्ज का देसी इलाज हो सकता है।
- एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक अध्ययन के अनुसार, कब्ज को नियंत्रित करने में पेक्टिन सहायक हो सकता है।
- इस आधार पर कहा जा सकता है कि खट्टे फल कब्ज के उपचार में उपयोगी हो सकते हैं।
Lentils
Material :
- किडनी बीन्स (राजमा)
- छोले
- सोयाबीन
- अन्य दालें
Method of use:
- उपरोक्त में रोजाना किसी एक दाल को पकाकर दोपहर या रात के भोजन में शामिल किया जा सकता है।
How helps :
- दालों में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है.
- इसलिए यह कब्ज से राहत दे सकता है।
- साथ ही इनका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि अधिक फाइबर का सेवन करना गैस और पेट दर्द का कारण बन सकता है।
कब्ज में क्या खाएं और क्या न खाएं – What to eat and what not to eat in constipation
- अगर खानपान संतुलित रहेगा, तो किसी भी तरह के रोग का जोखिम नहीं हो सकता है।
- इसलिए, आप जो भी खाएं साफ और स्वच्छ होना चाहिए।
- चलिए, आपको बताते हैं कि कब्ज न हो उसके लिए किन-किन चीजों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।
Beans :
- अन्य सब्जियों के मुकाबले इसमें अधिक मात्रा में फाइबर होता है।
- इसे आप या तो सूप में डालकर खा सकते हैं या फिर इसकी सलाद भी बना सकते हैं।
- फलियों की सब्जी भी बन सकती है।
- पेट साफ न होने के लक्षण दिखाई देने पर इनका सेवन बढ़ा देना फायदेमंद हो सकता है।
Fruits :
- वैसे तो फल खाना हर तरह से लाभकारी है.
- लेकिन पपीता, सेब, केला व अंगुर ऐसे फल हैं.
- जो कब्ज में लाभदायक हो सकते हैं।
- इनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है.
- जो पेट को साफ करने में मदद कर सकते हैं।
- डायबिटीज के मरीज इन फलों का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
Dry fruits :
- किशमिश, अखरोट, अंजीर व बादाम जैसे सूखे मेवों में अधिक फाइबर होता है।
- नियमित रूप से इनका सेवन करने से कब्ज से बचाव जो सकता है।
Popcorn:
- पॉपकॉर्न को फाइबर और कैलोरी का स्रोत माना जाता है।
- पॉपकॉर्न को स्नैक के तौर पर खाने से कब्ज से राहत मिल सकती है।
- इसके लिए फ्लेवर पॉपकॉर्न की जगह प्लेन पॉपकॉर्न का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर हो सकता है।
Oatmeal:
- ओट्स में वसा कम मात्रा में होती है.
- जबकि बीटा ग्लूकॉन नाम विशेष प्रकार का फाइबर होता है।
- इसके अलावा, ओट्स में आयरन, प्रोटीन व विटामिन-बी1 भी पाया जाता है।
कब्जियत के लिए नुकसान पदार्थ – Harmful substances for constipation
fried foods :
चिप्स व चाट-पकौड़ी जैसी चीजें खाने से पेट का हाजमा खराब हो सकता है और कब्ज की शिकायत हो सकती है।
Sugary beverages:
कोल्ड ड्रिक्स या फिर चीनी से बने शरबत पेट को खराब कर सकते हैं।
tea Coffee :
जिन्हें कब्ज हो, उन्हें चाय व कॉफी से भी परहेज करना चाहिए।
junk food :
- पास्ता, बर्गर, पिज्जा या फिर माइक्रोवेव में बने खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
- पेट साफ न होने के लक्षण दिखाई दें, तो भोजन पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है।
Alcohol and Smoking:
- धूम्रपान करने से पाचन तंत्र खराब हो जाता है।
- धूम्रपान का सीधा असर छोटी व बड़ी आंत पर पड़ता है.
- जिस कारण कब्ज हो सकती है।
- वहीं, शराब जैसे अल्कोहल युक्त पेय पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- इनका अधिक सेवन पेट खाली होने में लगने वाले समय में इजाफा कर सकता है।
कब्जियत के लिए योगासन – Yoga for Constipation
योगासन करना भी कब्ज से राहत दे सकता है। आइए, जानते हैं कि कब्ज के लिए कौन-कौन से योगासन करने उचित हैं।
Mayurassan:

- जिन्हें कब्ज है, उनके लिए मयूरासन बेहतर विकल्प हो सकता है।
- इससे पाचन क्रिया ठीक होती है और गैस, कब्ज व पेट में दर्द जैसी समस्या दूर होती हैं।
कैसे करे :
- घुटनों के बल बैठ जाएं और आगे की तरफ झुक जाएं।
- हथेलियों को एक साथ जमीन पर सटाते हुए दोनों कोहनियों को नाभी पर टिकाएं और संतुलन बनाते हुए घुटनों को सीधा करने की कोशिश करें।
- इस आसन को एक बार में करना कठिन है, लेकिन नियमित अभ्यास से इसे किया जा सकता है।
Ardha Matsyendrasana:
कैसे करे :
- जमीन पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
- अब दाएं पैर को मोड़कर बाएं तरफ ले जाएं और एड़ी को कुल्हे से स्पर्श करने का प्रयास करें। वहीं, बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाएं पैर के ऊपर से ले जाते हुए तलवे को जमीन से सटा लें।
- अब दाएं हाथ को जांघ व पेट के बीच में से ले जाते हुए बाएं पैर को छूने की कोशिश करें और बाएं हाथ को पीछे की ओर ले जाएं (जैसा फोटो में दर्शाया गया है)।
- इसके बाद कमर, कंधों व गर्दन को बाईं ओर मोड़ते हुए बाहिने कंधे के ऊपर से देखने की कोशिश करें।
- इस दौरान, लंबी व गहरी सांस लेते व छोड़ते रहें।
- अब सांस छोड़ते हुए दाएं हाथ, कमर, गर्दन व छाती को ढीला छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में आ जाएं और दूसरी तरफ से इसी प्रक्रिया को दोहराएं।
Halasana:
कैसे करे :
- जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और पैरों व हाथों को सीधा रखें।
- अब पैरों को धीरे-धीरे 90 डिग्री तक उठाने की कोशिश करें।
- फिर सांस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं और पैरों को पीछे ले जाते हुए अंगुठों को जमीन से स्पर्श करने की कोशिश करें।
- कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें और सामान्य गति से सांस लेते हैं। फिर ,सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
Butterfly Pose:
कैसे करे :
- जमीन पर बैठ जाएं और दोनों घुटनों को मोड़ते हुए तलवों को आपस में मिलाएं।
- तलवों को दोनों हाथों से पकड़ लें और जितना हो सके शरीर के पास ले आए।
- इसके बाद दोनों घुटनों को आराम-आराम से ऊपर-नीचे करें।
- कोशिश करें कि जब घुटने नीचे जाएं, तो वह जमीन को स्पर्श करें।
नोट: शुरुआत में ये सभी आसन ट्रेनर की देखरेख में ही करें। नीचे हम कब्ज से बचाव के लिए कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं।
कब्जियत होने से नुकसान – Side Effects Constipation
कब्ज को अनदेखा करना कुछ गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इन समस्याओं में कब्ज से होने वाली बीमारियां शामिल हैं।
- लगातार कब्ज रहना बवासीर की समस्या को जन्म दे सकता है।
- कब्ज के कारण पेट साफ न होने से मुहांसों की समस्या भी हो सकती है।
- लगातार कब्ज बना रहना पुरुषों में वैरिकोसेले (नसों की खराबी का रोग) रोग का कारण बन सकता है। यह समस्या पुरुषों की प्रजनन क्षमता में कमी ला सकती है ।
- पुराने कब्ज के मरीजों को कुछ मानसिक विकार भी हो सकते हैं, जिसमें चिंता, तनाव और अवसाद शामिल है।
कब्जियत से बचाव – Prevention Tips For Constipation
यहां हम कुछ काम की बातें बता रहे हैं, जिन्हें दिनचर्या में शामिल करने से यह कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है।
Disciplined Routines:
- सुबह तय समय पर उठें और रात को तय समय पर सोएं।
- साथ ही तीनों टाइम के खाने में चार-चार घंटे का अंतर रखें और हल्का खाएं।
- इस अभ्यास से कब्ज से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है।
When traveling:
- यात्रा के दौरान भी नियमानुसार ही भोजन करें और संभव हो,
- तो हल्का व साफ-सुथरा ही खाएं।
Time defecation:
- जैसा कि इस लेख में पहले बताया गया है कि मल को रोककर रखने से भी पाचन तंत्र खराब होता है
- और कब्ज की समस्या होती है।
- इसलिए, जब जरूरत महसूस हो, तभी तुरंत मल त्याग करें।
Fiber rich foods:
- अपने भोजन में ओट्स, ब्राउन राइस, फल व सब्जियों को शामिल करें,
- ताकि आपको पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिल सके।
regular exercise :
- ज्यादा देर तक बैठकर काम करने से भी कब्ज की समस्या हो सकती है।
- इसलिए, व्यस्त जीवन में कुछ समय निकालकर व्यायाम करें या फिर जिम जा सकते हैं।
- अगर खेलकूद में रुचि है, तो क्रिकेट, बैटमिंटन, लॉन टेनिस व फुटबॉल खेल सकते हैं।
- साइकलिंग व स्विमिंग भी अच्छा विकल्प हो सकता है।
Bed-tea:
- सुबह उठते ही बेड-टी की जगह पानी पीने की आदत डालें।
- सुबह चाय या कॉफी की जगह गुनगुना पानी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि कई बीमारियों की जड़ कब्ज है और आजकल ज्यादातर लोग इससे परेशान है। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया जाए, तो यह पूरे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है और आपको तकलीफ हो सकती है । इसलिए, जरूरी है कि यहां बताए गए घरेलू नुस्खों व सलाह का पालन कर इस बीमारी से बचाव का प्रयास करें। अच्छा खान-पान और अनुशासित दिनचर्या अपनाएं। कब्ज की समस्या से कैसे बचा जा सकता है, इस संबंध में आप Google Today के अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं। Thankyou………..
यह भी पढ़ें :पेट कम करने के लिए योगासन – Yogasana to reduce stomach