इ     स खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए आंखों का सही रहना जरूरी है। इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि आंखें शरीर का अहम हिस्सा हैं। आंखों में कोई भी समस्या होने पर चेहरे की सुन्दरता और दृष्टि दोनों पर असर पड़ता है। ऐसी ही एक समस्या आंख में गुहेरी का होना या आंख में फुंसी होना है। गुहेरी होने पर आंख में कष्ट महसूस होता है और दिनचर्या भी प्रभावित रहती है। इसलिए, Google Today के इस लेख में हम जानेंगे कि गुहेरी क्या है। साथ ही इस लेख में हम गुहेरी के कारण और आंख में गुहेरी के लक्षण की भी विस्तार से चर्चा करेंगे। लेख के अंतिम भाग में गुहेरी के संभावित उपचार का भी जिक्र किया गया है।चलाइये विस्तार से बात करते है.

आंख में गुहेरी क्या है? 

  • गुहेरी पलक के किनारे के पास होने वाली एक पीड़ादायक लाल गांठ या फुंसी है।
  • गुहेरी को अंग्रेजी में Stye या Hordeolum कहते हैं।
  • यह समस्या पलक के बालों की जड़ में संक्रमण होने के कारण होती है।
  • आंख में फुंसी पीड़ादायक हो सकती है.
  • लेकिन आंख को कोई बड़ा नुकसान पहुंचाने का जोखिम पैदा नहीं करती हैं।
  • आमतौर पर आंख की गुहेरी कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है।
  • वहीं, कुछ मामलों में गुहेरी का संक्रमण फैल सकता है।
  • इससे पूरी पलक संक्रमित हो सकती है
  • यानी एक साथ कई फुंसियां (गुहेरी) हो सकती हैं।
Stye Homeopathic Treatment

आंख में गुहेरी के कारण 

  • आंख में गुहेरी होने के लिए स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) बैक्टीरिया मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
  • स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया सामान्य रूप से त्वचा पर रहता है.
  • और कोई हानि नहीं पहुंचाता,
  • लेकिन त्वचा के क्षतिग्रस्त होने पर यह जीवाणु संक्रमण का कारण बन सकता है।
  • नाक से निकलने वाले तरल को छूने के बाद आंख को रगड़ने से स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया पलक तक जा सकता है.
  • जिससे गुहेरी की समस्या हो सकती है।
  • सेबेशियस ग्रंथि के बंद होने पर भी गुहेरी जैसी दिखने वाली फुंसी पलकों पर हो सकती हैं।
  • सेबेशियस ग्रंथि बालों की जड़ (हेयर फॉलिकल्स) के आसपास पाई जाती हैं.
  • और सीबम नामक तैलीय पदार्थ का निर्माण करती है।
  • सेबेशियस ग्रंथि के बंद होने पर सीबम का सामान्य बहाव नहीं हो पाता और ये त्वचा पर एकत्रित हो जाता है।
  • त्वचा पर एकत्रित सीबम गुहेरी जैसी समस्या का कारण बना सकता है।

आंख में गुहेरी के लक्षण 

आंख में गुहेरी होने पर निम्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं।

  • पलक पर एक कोमल गांठ या फुंसी दिखाई देती है.
  • जिसमें दर्द, जलन और खुजली का अहसास हो सकता है।
  • गांठ बड़ी हो जाती है.
  • तो इसमें सफेद या पीले रंग का पदार्थ नजर आ सकता है.
  • जिसे आम भाषा में मवाद कहा जाता है।
  • गुहेरी पलकों के किनारे पर निकलती है.
  • जहां बाल उगते हैं।
  • गुहेरी निकलने पर आंख में कुछ गिरने का अहसास हो सकता है.
  • क्योंकि पलक पर सूजन होने से वह आंख की सतह को छू सकती है।
  • पलक पर सूजन होने के कारण आंख से पानी भी आ सकता है।

आंख में गुहेरी के लिए घरेलू उपाय 

आंख में गुहेरी का इलाज करने के लिए कुछ घरेलू सामग्रियां फायदेमंद हो सकती हैं। बेशक, इन घरेलू उपचार के संबंध में कई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं, फिर भी इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आंखें बेहद संवेदनशील होती हैं। इसमें कोई भी दवा या चीज डालने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए। आइए, अब इन घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।

Guava leaves

substance :

  • 5-6 अमरूद के पत्ते
  • पानी
  • कोमल कपड़ा

Method of use:

  • अमरूद के पत्तों को पानी में डालकर 5-7 मिनट तक उबालें।
  • फिर पानी को हल्का गुनगुना होने दें।
  • इसके बाद पानी में कपड़े को डुबोएं और इससे लगभग 15 मिनट तक आंखों की सिकाई करें।

How beneficial:

  • अमरूद का वैज्ञानिक नाम साइडम गुआजावा है।
  • इसकी पत्तियां गुहेरी को कुछ हद तक ठीक कर सकती हैं।
  • साथ ही दर्द और सूजन से भी राहत दिला सकती है।
  • ऐसा इसलिए है, क्योंकि अमरूद की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
  • साथ ही अमरूद की पत्तियों में प्राकृतिक रूप से एंटी बैक्टीरियल गुण होता है.
  • जिस कारण ये आंख को स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे बैक्टीरिया से संक्रमित होने से रोक सकता है।
  • इसलिए, आंख में गुहेरी के लिए घरेलू उपाय के रूप में अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • शोध के अनुसार, अमररूद के अर्क को गुहेरी के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस से लड़ने में कारगर पाया गया है।
  • ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस अर्क में घाव ठीक करने की और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता मौजूद है।

Garlic Juice

substance :

  • 1 लहसुन की कली
  • 1 ईयर बड

Method of use:

  • लहसुन की कली को पीसकर रस निकाल लें।
  • फिर ईयर बड का उपयोग करते हुए सावधानी से गुहेरी पर लहसुन का रस लगाएं।
  • सूखने के बाद आंख को गुनगुने पानी से धो लें।

How beneficial:

  • लहसुन में अजोइन और एलिसिन नामक तत्व पाया जाता है.
  • जिसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है।
  • यह तत्व गुहेरी बनने का मुख्य कारण माने जाने वाले जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरिस को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है।

Cloves

substance :

  • 2-3 लौंग
  • पानी

Method of use:

  • पेस्ट बनाने के लिए लौंग को पानी के साथ पीस लें।
  • इस पेस्ट को गुहेरी पर लगाएं।
  • इसे सूखने के लिए कुछ घंटों के लिए छोड़ दें।
  • जब गुहेरी में कड़ापन महसूस होने लगे, तो इसे धो लें।
  • आप ईयर बड की मदद से लौंग के पेस्ट की जगह लौंग का तेल भी गुहेरी पर लगा सकते हैं।

How beneficial:

  • गुहेरी के लिए लौंग चमत्कारिक रूप से फायदेमंद हो सकती है।
  • इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं.
  • जो गुहेरी को जल्द ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
  • साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाया जाता है.
  • जो स्टाई के कारण आंख में आई सूजन को कम कर सकता है।
  • इसलिए, इसे गुहेरी पर मरहम की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

Aloe vera

substance :

  • एक एलोवेरा का पत्ता

Method of use:

  • चाकू से एलोवेरा के छिलके को उतार कर गूदा निकाल लें।
  • इस गूदे को आंख के ऊपर कुछ मिनटों के लिए रखा रहने दे।
  • इसके बाद साफ पानी से आंख को धो लें।
  • दिन में 2-3 बार ऐसा करने से तुरंत आराम मिल सकता है।

How beneficial:

  • एलोवेरा में आराम देने वाला प्रभाव सूदिंग इफेक्ट पाया जाता है.
  • इसलिए इसका इस्तेमाल करने से गुहेरी की पीड़ा से आराम मिल सकता है।
  • यह जलन से भी राहत दे सकता है।
  • इसलिए, आंख में गुहेरी के लिए घरेलू उपाय के रूप में एलोवेरा पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की जरूरत है। 

Green Onion

substance :

  • हरे प्याज के पत्ते

Method of use:

  • प्याज के पत्तों को बारीक पीस लें।
  • इसे ईयर बड की मदद से गुहेरी पर लगाएं।
  • सूखने पर ठंंडे पानी से आंख को धो लें।

How beneficial:

  • लहसुन की तरह हरे प्याज में भी अजोइन नामक तत्व पाया जाता है.
  • जिसमें एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव होता है।
  • यह तत्व गुहेरी बनने का कारण माने जाने वाले जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरिस के विकास को बाधित कर,
  • इस संक्रमण को फैलने से रोक सकता है।

Coconut Oil

substance :

  • नारियल का तेल
  • एक ईयर बड

Method of use:

  • गुहेरी से प्रभावित आंख को साफ पानी से धो लें।
  • फिर नारियल के तेल को हल्का-सा गुनगुना करें।
  • इसके बाद ईयर बड की मदद से इसे गुहेरी पर लगाएं।
  • इस तेल को पूरे दिन लगा रहने दें।

How beneficial:

  • नारियल के तेल में एंटीसेप्टिक और मॉइस्चराइजिंग गुण पाए जाते हैं.
  • जो आंखों को नमी प्रदान कर गुहेरी के लक्षण को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
  • साथ ही वर्जिन नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल गतिविधि पाई जाती है.
  • जो स्टैफिलोकोकस ऑरिस से लड़ने में कारगर है।

Hot Compress

substance :

  • एक छोटा मुलायम कपड़ा
  • सहने योग्य गर्म पानी

Method of use:

  • गर्म पानी में कपड़ा भिगोकर निचोड़ लें।
  • फिर इस कपड़े से आंख की सिकाई करें।
  • सिकाई के समय आंख को बंद रखें।
  • जब कपड़े का तापमान सामान्य हो जाए, तो इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।
  • ज्यादा आराम के लिए इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं।

How beneficial:

  • गर्म पानी से सिकाई करना गुहेरी की समस्या में आरामदायक हो सकता है।
  • गर्म सिकाई करने से ग्रैनुलोमा संक्रमण से पैदा हुआ दाना  नरम हो सकता है.
  • जिससे गुहेरी की समस्या कुछ कम हो सकती है।
  • गुहेरी से निजात पाने के लिए रोजाना 5-10 मिनट सिकाई मददगार साबित हो सकती है।

Honey

substance :

  • 3 बड़े चम्मच शहद
  • 2 कप गर्म पानी

Method of use:

  • शहद को पानी में अच्छी तरह मिलाएं।
  • जब पानी हल्का गुनगुना हो जाए, तो इससे आंखों को धोएं।
  • इस विधि को दिन में दो बार दोहराया जा सकता है।

How beneficial:

  • शहद अपनी एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि के चलते गुहेरी को ठीक करने में मदद कर सकता है।
  • वैज्ञानिक अध्ययन में शहद को कई संक्रामक रोग फैलाने वाले जीवाणुओं के खिलाफ फायदेमंद पाया गया है.
  • जिसमें स्टैफिलोकोकस ऑरिस भी शामिल है।
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संतुलित आहार क्या है – What is a Balanced Diet

आंख में गुहेरी का इलाज 

  • अगर आंख में गुहेरी के लक्षण 2 से 3 दिन के अंदर ठीक न हों,
  • तो आंख में गुहेरी का इलाज के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
  • डॉक्टर गुहेरी के लिए एंटीबायोटिक मलहम लगाने की सलाह दे सकते हैं।
  • गुहेरी के लक्षण कम करने के ओरल एंटीबायोटिक दवाओं मुंह से ली जाने वाली गोलियां का भी उपयोग किया जाता है।
  • कुछ मामलों में डॉक्टर गुहेरी को फोड़ सकते हैं.
  • लेकिन व्यक्ति को खुद इस फुंसी को नहीं फोड़ना चाहिए।

आंख में गुहेरी से बचाव  

जैसा कि आप लेख में ऊपर जान चुके हैं कि गुहेरी बैक्टीरियर इंफेक्शन के कारण होने वाली समस्या है। इसलिए, आंख में गुहेरी से बचाव लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे कि

  • अपनी आंख को छूने से पहले अपने हाथ धो लें।
  • अपने सौंदर्य प्रसाधनों को किसी और के साथ साझा न करें।
  • अपनी आंखों की सफाई पर ध्यान दें और उन्हें दिन में कम से कम तीन बार धोएं।
  • आंखों को धोने के लिए हमेशा साफ पानी का उपयोग करें।
  • अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते हैं, तो उन्हें साफ रखें और साफ हाथों से लगाएं।
  • अगर किसी को गुहेरी की समस्या है, तो उसे स्वयं न फोड़ें, क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है।
  • गुहेरी की समस्या हो, तो आंखों के मेकअप से बचें।
  • सोने से पहले रोजाना मेकअप हटाकर सोएं।
  • रोज कम से कम 6-8 घंटे की नींद लें।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना किसी आई ड्राप या मलहम का इस्तेमाल न करें।

इस लेख में आपने जाना कि गुहेरी क्या है और इसके घरेलू उपचार क्या हो सकते हैं। आशा करते हैं कि ये जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। अगर किसी को इस लेख में बताए गए घरेलू उपचार से एलर्जी होती है, तो उसका इस्तेमाल न करें। वहीं, अगर गुहेरी का संक्रमण बढ़ता दिखाई दे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, आंखों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। खुद को स्वस्थ रखने के लिए पढ़ते रहें Google Today . Thankyou

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