सिर दर्द के लिए योग – Yoga for Headache in Hindi : वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि योग के जरिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है। साथ ही कई समस्याओं को ठीक भी किया जा सकता है। ऐसी ही एक समस्या सिर दर्द की भी है। आए दिन यह समस्या हर किसी को रहती है। इससे बचने का सबसे सरल उपाय योग ही है। अब सवाल यह उठता है कि सिर दर्द न हो और अगर हो भी जाए, तो उसे ठीक करने के लिए कौन से योगासन करने चाहिए? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब हम Googletoday.in के इस लेख में लेकर आए हैं। यहां सिर दर्द के लिए योगासन से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी। इस लेख में आप जान पाएंगे कि सिर दर्द के लिए योग किस प्रकार मददगार हो सकता है।
नीचे विस्तार से पढ़ें
सिर दर्द के लिए योग कैसे मदद करता है? – How Yoga Helps in Headache in Hindi
- योग को सिर दर्द के लिए रामबाण इलाज माना जा सकता है।
- एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक रिसर्च में दिया हुआ है कि योग को सिर दर्द की थेरेपी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यह सिर दर्द को कम करने के साथ ही चिंता और अवसाद को भी कम करने का काम कर सकता है।
- इससे मन की शांति को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
- इससे सिर दर्द की समस्या को पनपने से रोका जा सकता है।
सिर दर्द के लिए योग – Sir Dard Ke Liye Yoga
- योग को सही तरह से किया जाए, तभी इसका बेहतर असर होता है।
- ऐसे में सिर दर्द की परेशानी से बचने या जिन्हें है.
- वो इसके असर को कम करने के लिए नीचे बताई जा रही प्रक्रिया के अनुसार योग कर सकते हैं।
बालासन
- बालासन दो शब्दों के मेल से बना है.
- जिसमें पहला बाल और दूसरा आसन है।
- यहां पर बाल का मतलब बच्चे व आसन का मतलब मुद्रा है।
- इस आसन के दौरान शरीर की मुद्रा मां के गर्भ में मौजूद बच्चे की अवस्था के अनुसार होती है।
- इसलिए, यह बालासन कहलाता है।
- इस योग को करने पर सिर के रक्त संचार को बेहतर किया जा सकता है।
- साथ ही मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी मदद मिल सकता है।
- इससे सिर दर्द के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
- फिलहाल, सिर दर्द और बालासन को लेकर स्पष्ट शोध उपलब्ध नहीं है।
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसके बाद लंबी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर ले जाएं।
- फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि हिप्स को एड़ियों से नहीं उठाना है।
- सामने झुकने के बाद हथेलियों, कोहनी व सिर को जमीन से टिका लें।
- इस मुद्रा में कुछ सेकंड बने रहने का प्रयास करें व सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को सामान्य रखें।
- फिर लंबी सांस लेते हुए ऊपर उठें और बाद में हाथों को नीचे लाकर अपने घुटनों पर रख दें।
- इस आसन को शुरुआत में 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सुप्त विरासना
- सुप्त वीरासन शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है.
- जिसका अर्थ वीरों के सोने का आसन है।
- सिर दर्द के लिए योगासन लिस्ट में सुप्त वीरासन को भी शामिल किया जा सकता है।
- इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि माइग्रेन से राहत दिलाने वाले योग में सुप्त वीरासन का भी नाम शामिल है।
- ऐसे में सुप्त वीरासन को सिर दर्द का योग माना जा सकता है।
- इस आसन के लिए योग मैट या चटाई बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- फिर सांस लेते हुए शरीर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों व कोहनी को सामने की तरफ जमीन पर टिकाकर रखें।
- इस अवस्था में पीठ जमीन से स्पर्श करेगी और हिप्स पंजों पर होने चाहिए।
- फिर सिर को पीछे की तरफ जितना हो सकें, उतना झुकाने की कोशिश करें।
- इससे पीठ हल्की जमीन से ऊपर उठ जाएगी और शरीर का भार कोहनी व कंधे पर होगा।
- इस मुद्रा में पीठ का आकार कमान की तरह होगा और सिर व कंधे जमीन पर रहेंगे।
- कुछ सेकंड इसे मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें।
- फिर आसन को विपरीत क्रम में करते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।
- इस आसन के तीन से पांच चक्र कर सकते हैं।
पश्चिमोत्तानासन
- पश्चिमोत्तानासन दो शब्दों के मेल से बना है, जिसमें पहला पश्चिम व दूसरा उत्तान है।
- पश्चिम का अर्थ पीछे की ओर और उत्तान अर्थ खिंचाव से है।
- पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे सिर दर्द को कम करने के लिए माना जा सकता है।
- इस संबंध में पब्लिश वैज्ञानिक रिसर्च की मानें, तो पश्चिमोत्तानासन को सिर दर्द के इलाज में प्रभावी माना जा सकता है।
- सबसे पहले जमीन पर चटाई या योग मैट बिछा लें और पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं।
- इस समय दोनों पैर सटे हुए और एकदम सीधे होने चाहिए। साथ ही रीढ़ की हड्डी, गर्दन और सिर भी सीधा होना चाहिए।
- फिर दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाए और हल्का-हल्का सांस छोड़ते हुए सामने की तरफ झुकें। फिर माथे को घुटनों पर टिकाकर पैरों के अंगूठे को छूने का प्रयत्न करें।
- जब सामने की तरफ झुकें, तो ध्यान रखें कि घुटने न मुड़ें।
- कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
- फिर लंबी सांस लेते हुए शुरुआती अवस्था में आ जाएं।
- इस योग के पांच चक्र कर सकते हैं।
पादंगुष्ठासन
- पादंगुष्ठासन संस्कृत भाषा के दो शब्दों के मेल से बना हैं.
- जिसमें पहला शब्द पद यानी पैर व दूसरा शब्द अंगुष्ठ यानी अंगूठा हैं।
- इस आसन को करते समय व्यक्ति को एक पैर के सहारे शरीर के भार को संभालना होता है।
- ऐसा माना जाता है कि इस आसन को करने पर सिर दर्द की स्थिति में सुधार हो सकता है।
- फिलहाल, इस बात की पुष्टि करने के लिए किसी तरह का स्पष्ट वैज्ञानिक शोध नहीं है।
- इस आसन को करने के लिए योग मैट बिछाकर ताड़ासन की मुद्रा में आ जाएं।
- फिर सांस छोड़ते हुए पंजों के बल बैठ जाएं। ध्यान रहे कि शरीर का ऊपरी भाग सीधा होना चाहिए।
- फिर एक पैर को उठाकर दूसरे पैर के जांघ पर रखें और दोनों हाथों को जोड़ते हुए ऊपर की तरफ उठाएं।
- इस अवस्था में शरीर का पूरा भार एक पैर पर होगा। इस समय गिरने का जोखिम होता है, इसलिए इसे दीवार से टिक कर करना चाहिए।
- कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहें। फिर योग को विपरीत क्रम में करते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं और फिर दूसरे पैर से इसे करें।
- इस आसन को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
विपरीत करनी
- सिर दर्द के लिए योग में विपरीत करनी को भी शामिल किया जा सकता है।
- एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया हुआ है कि जिन योग से माइग्रेन जैसी सिर दर्द से राहत पाया जा सकता है।
- उनमें से एक विपरीत करनी भी है। यही वजह है कि इस आसन को सिर दर्द का योग कहा जा सकता है।
- इस आसन को करने के लिए दीवार के पास चटाई या योग मैट बिछा लें और फिर दीवार की ओर सामने करके बैठ जाएं।
- फिर हाथों से सहारा लेते हुए पीछे की तरफ झुकें और हिप्स व पैरों वाले भाग को ऊपर उठाकर एक सीध में दीवार से टिका दें।
- हाथों से कमर को सहारा दें और कोहनी, कंधों व सिर को जमीन पर टिका कर रखें।
- इस समय शरीर का भार कोहनी और कंधों पर होनी चाहिए।
- कुछ मिनट तक इसी मुद्रा में बने रहें। फिर क्रिया को विपरीत करते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।
- इस योग को 10 से 15 मिनट तक रुक-रुक के कर सकते हैं।
शवासन
- शवासन की मुद्रा में शरीर मृत के सामान नजर आता है।
- इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक रिसर्च की मानें, तो शवासन योग तन और मन को शांत करने का सबसे अच्छा माध्यम है।
- शोध के अनुसार, सिर दर्द से जूझ रहे मरीज को तीन महीने के लिए नियमित तौर पर शवासन कराया गया।
- इससे मरीज के सिर दर्द में काफी सुधार नजर आया। ऐसे में शवासन को सिर दर्द का योग माना जा सकता है।
- शवसाना के लिए फर्श पर योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- फिर गहरी सांस लें और आंखों को बंद कर लें।
- इस मुद्रा में शरीर और हाथों के बीच एक फीट की दूरी और दोनों पैरों के बीच दो फिट की दूरी होनी चाहिए। साथ ही हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए।
- इसके बाद दिमाग को पूरी तरह शांत कर धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़े रहें।
- इस अवस्था में करीब पांच मिनट तक रहें। फिर दोनों हाथों को रगड़ कर आंखों पर रखें और आंखें खोलें।
- इस योग को हमेशा आखिर में किया जाता है।
लेख में ऊपर बताए गए सिर दर्द के योग को बिना विशेषज्ञ की सहायता से न करें।
योग के लाभकारी प्रभाव के कारण ही यह लोगों के बीच तेजी से प्रचलित होते जा रहा है। लोग इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर रोग मुक्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे में जिन्हें सिर दर्द है और नहीं भी है, तो दिन के शुरुआत में लगभग आधे घंटे का समय निकालकर योग करने पर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दिए गए जानकारी पाठक के लिए सहायक साबित होगी।
चलिए, अब जान लेते है सिर दर्द के लिए योग से जुड़े पाठकों के सवालों के जवाब।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. सिरदर्द के लिए कौन-सा योग सबसे अच्छा है?
सिर दर्द की समस्या को कम करने के लिए शवासन को सबसे अच्छा माना जा सकता है। इसके अलावा, ऊपर बताए गए अन्य योगासन भी फायदेमंद हो सकते हैं।